एक बात अनोखी
By Anupam Rosy Minj
यह बात बड़ी पुरानी है
जिसे किसी ने न जानी है
कोई जब कुछ काम करेगा
जग तब उस पर बात करेगा
जग जब उस पर बात करेगा
तब कोई क्या फर्क पड़ेगा?
जग बोले है-
कुछ तो कम है
इसमें न दम है
बिलकुल ख़त्म है
हाय!
कितने सितम हैं
सब ज्यादा हम कम हैं
बस यही बात होती है
हर बार यही होता है
लेकिन यही बात अनोखी है
एक बात यही अनोखी है
क्योंकि
बात उसी की होती है
जिसमें कुछ बात होती है
- अनुपम रोज़ी मिंज